13 अक्तूबर 2010

.................क्या यही है मेरे देश का हाल ?

 क्या यही है मेरे देश का हाल |
धार्मिक कट्टरवाद अपना कर ,  नौजवानों  को मरवा दो 
भाई को भाई से लड़वाकर खून की नदियाँ बहा दो |
कुछ को मंदिर के नाम, कुछ को मस्जिद के नाम पर
अलग थलग कर दो |
लगता हा नेताओ ने बेरोजगारी दूर करने का 
यही उपाय सुझा है |
वे जनता से चाहते करवानी पूजा है 
लगता है वे बेरोजगारी जरूर हटायेंगे |
नौजवानों की शक्ति को भड़काकर महाभारत फिर दोहरायेंगे |
( चित्र - गूगल से साभार )

..........संजय कुमार भास्कर