25 अक्तूबर 2010

.............मेरी प्यारी बहना ?


 मेरी प्यारी बहना 
आज मन कर रहा है कि मैं दू तुम्हे कुछ न कुछ 
पर क्या दू है ही क्या पास मेरे 
हूँ तो एक छोटा सा कवि
कविता ही है मेरे पास 
दुआए ही दे सकता हूँ खुदा कि इच्छा से 
जो रक्खे सदा तुम्हे खुश 
तुम्हारे नए जीवन में ,
मेरी दुआ है तू भारती भारतीयता का सदा पालन करें | 
तू जिस आँगन में जाये वहाँ सदा रौशनी फैलाये 
धर्म करम मान मर्यादा से घर को सजाये ,
तेरे आँगन  में सदा गुलाब खुशियों के  महके 
तू सबको अपनाये प्यार सभी बड़े बुजुर्गो का पाए |
येही दुआ है तेरे लिए  मेरी तरफ से 
निवेदन है तेरे चरणों में 
बहना तू सदा मुस्कुराती रहे 
खुदा से गुजारिश है 
तेरे हिस्से के सारे गम मुझे मिले 
हो मेरे हिस्से कि सारी खुशिया तेरी ,
तेरे हाथो में है अब लाज तेरे माता पिता भाइयो की |
बहना अपने नए घर जा कर हमे कभी न भुलाना ,
तेरे भाई की दुआ है तेरे लिए तेरी हर खुशी के लिए 
अपनी जान भी न्योछावर कर देंगे |
............एक भाई का वादा है अपनी बहन से !
चित्र :- ( गूगल से साभार  )

..........संजय कुमार भास्कर