23 अगस्त 2011

तेरी कमी का अहसास करके रोये..........संजय भास्कर


तेरी बातो को बार बार याद करके रोये 
तेरे लिए दर पे फरियाद करके रोये |
तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया 
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये......!


 आप सभी साथियों को मेरा नमस्कार कई दिनों के अवकाश के बाद आप सभी के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ ।
इसीलिए आज कुछ चंद लाइन पेश है ......उम्मीद है आपको पसंद आएगी !



 -- संजय भास्कर

114 टिप्‍पणियां:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत खूब ...

Rakesh Kumar ने कहा…

वाह! संजय जी चार लाइनों में ही अपने
रोने की लंबी चौड़ी बात कह दी आपने.

पर आपकी आदत तो मुस्कुराने की है न.

आभार.

समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.

S.VIKRAM ने कहा…

बढ़िया पोस्ट संजय जी ...

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये......!

समर्पण को समर्पित उम्दा पंक्तियां...

सदा ने कहा…

वाह ...बहुत खूब ।

Prakash Jain ने कहा…

संजयजी...और पंक्तियाँ पढना चाहूँगा इस कविता में.....शुरुआत सुन्दर और भावपूर्ण है

Unknown ने कहा…

bahoot khoob..
dil ko chhoo lene wali panktiyan...
thode mein hi gahri baat kah di aapne...

amrendra "amar" ने कहा…

Bahut Badhiya Sanjay ji , chand sabdo me hi samet diya aapne sari duniya............
badhai ..aap muskurate hue bahut acche lagte hai ...........

vidhya ने कहा…

वाह बहुत ही सुन्दर
रचा है आप ने

Asha Lata Saxena ने कहा…

संक्षेप मैं बहुत कुछ कह दिया |बधाई |
आशा

दिगम्बर नासवा ने कहा…

चार लाइनों में दिल का हाल खोल के रख दिया संजय जी ... बह्हुत खूब ... लाजवाब ...

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

bahut khub

Deepak Saini ने कहा…

बहुत खूब

vandana gupta ने कहा…

संजय थोडे मे भी बहुत कुछ कह दिया।

Bharat Bhushan ने कहा…

तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये
प्रेम की ऐसी भावना बहुत गहरे में बैठती है. चित्र के साथ आपने इसे और भी जीवंत कर दिया है.

Bharat Bhushan ने कहा…

सुंदर अभिव्यक्ति के लिए कहूँगा....वाह.

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

वाह बहुत ही सुन्दर रचा है आप ने...चार लाइनों में दिल का हाल खोल के रख दिया

Maheshwari kaneri ने कहा…

वाह; संजय ,गागर में सागर भर दिया..बहुत सुन्दर....

PRIYANKA RATHORE ने कहा…

bahut khoob bhai...aabhar

दिलबागसिंह विर्क ने कहा…

gagr men sagr

रेखा ने कहा…

बहुत खुबसूरत प्रस्तुति ....

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

प्रिय संजयभाई जी

तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये......

वाह बहुत ही अच्छा

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

उम्दा प्रस्तुती!

आपके सहयोग एवं स्नेह का सदैव आभरी हूँ

आपका सवाई सिंह

prerna argal ने कहा…

thodi hi laaino main aapne bahut kuch kah diyaa .bahut sunder prastuti.badhaai aapko.
मेरी पोस्t पर आने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद /मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है /आभार /



please visit my blog.thanks.
http://prernaargal.blogspot.com/

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

बहुत खूब. स्वागत भी.

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') ने कहा…

सुन्दर पंक्तियाँ...
सादर...

डॉ टी एस दराल ने कहा…

हाल-ए-दिल बहुत खूबसूरती से बयाँ किया है ।
लेकिन अब किस के लिए भाई ?
शुभकामनायें ।

kavita verma ने कहा…

char lino me dil ka dard undel kar rakh diya ...bahut sunder..

Dr.Sushila Gupta ने कहा…

तेरी बातो को बार बार याद करके रोये
तेरे लिए दर पे फरियाद करके रोये |

bahut khoob sanjayji!!!!!!

dil ko choo gaee rachna.aapka abhar.

musafir ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
musafir ने कहा…

एक सुन्दर भाव प्रधान रचना के लिए आपको बधाई.

priyankaabhilaashi ने कहा…

बहुत सुन्दर...!!!!

रविंद्र "रवी" ने कहा…

बहुत खुबसूरत प्रस्तुति ....

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत खूब !

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत बढ़िया!

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये......!

अत्यंत गहन रचना.

रामराम

mridula pradhan ने कहा…

bahut pasand aayee......

Shikha Kaushik ने कहा…

केवल पसंद ही नहीं बहुत पसंद आई .आभार
BHARTIY NARI

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

Sunder Panktiyan....

वीना श्रीवास्तव ने कहा…

बढ़िया हैं पंक्तियां...

केवल राम ने कहा…

कोई नहीं अब रोना छोड़ दीजिये .....!

Unknown ने कहा…

Der mujhe bhi go gai.. darasal pure 12 ghante blog par nahin gaya... jab blog par aaya to..

Waah....

Shalini kaushik ने कहा…

तेरी बातो को बार बार याद करके रोये
तेरे लिए दर पे फरियाद करके रोये |
तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये...
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति.बधाई

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ ने कहा…

किसी का एक शेर याद आ गया-

‘रोने वाले तुझे रोने का सलीका भी नहीं,
अश्क़ पीने के लिए है कि बहाने के लिए’

और क्या कहूँ

बहुत सुन्दर...बधाई

Rakesh Singh - राकेश सिंह ने कहा…

वाह... !

pragya ने कहा…

बहुत ख़ूबसूरत..इन चार लाइनों को और आगे की लाइनों की ज़रूरत ही नहीं है...

Nidhi ने कहा…

सुन्दर..........आपकी लाइन्स आपके अखे अनुसार ...पसंद आयीं .पर उससे भी अच्छा लगा ये देख कर कि आप इतने दिनों के अवकाश के बाद लौट आये हैं .

ज्ञानचंद मर्मज्ञ ने कहा…

यूँ तो मायूस होना ठीक नहीं,
वक्त हर घाव को भर जाएगा!
जिसकी आदत हो मुस्कराने की,
उसको रोना कहाँ से भायेगा!

Kunwar Kusumesh ने कहा…

बहुत खूब .

पी.एस .भाकुनी ने कहा…

तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये.....
बहुत सुन्दर...बधाई

Anita ने कहा…

गागर में सागर हैं आपकी ये चंद पंक्तियाँ ! बधाई!

Ravi Rajbhar ने कहा…

तेरी बातो को बार बार याद करके रोये
तेरे लिए दर पे फरियाद करके रोये |
तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये......!

sach batau bhaiya
laga ye line mere liye hi likhi gai ho..
bahut-2 badhai.

Rahul ने कहा…

तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये......!


bahut asardaar....

मदन शर्मा ने कहा…

देश के कार्य में अति व्यस्त होने के कारण एक लम्बे अंतराल के बाद आप के ब्लाग पे आने के लिए माफ़ी चाहता हूँ
वाहबहुत सुंदर रचना.!!!!!!
आपका बहुत बहुत आभार!!!

रचना दीक्षित ने कहा…

तेरी बातो को बार बार याद करके रोये
तेरे लिए दर पे फरियाद करके रोये |
तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये......!

अवकाश के बाद स्वागत. सुंदर अभिव्यक्ति.

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) ने कहा…

बहुत सुंदर पंक्तियाँ

संध्या शर्मा ने कहा…

सुन्दर और भावपूर्ण रचना...
वाह संजय जी चार पंक्तियों में इतना कुछ कह दिया...

Arvind Jangid ने कहा…

तेरी कमी का एहसास करके रोये....बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ आभार

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बड़ी गहरी पंक्तियाँ।

Jyoti Mishra ने कहा…

Welcome back...
Fantastic lines... one can dwell deep in them :)

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

बहुत सुन्दर पंक्तियाँ है ! दिल की पुकार !

Sunil Deepak ने कहा…

आदत .. मुस्कराने की, और दूसरों को भी रुलाने की?

sumeet "satya" ने कहा…

वाह बहुत ही सुन्दर

Banka Ram Choudhary ने कहा…

तेरी बातो को बार बार याद करके रोये
तेरे लिए दर पे फरियाद करके रोये |
तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये......!

Bharat Bhushan ने कहा…

जन लोकपाल के पहले चरण की सफलता पर बधाई.

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

chand panktiyan kamaal ki...

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

बहुत सुंदर पंक्तियां हैं।

Urmi ने कहा…

बहुत सुन्दर लिखा है आपने! उम्दा रचना ! शानदार प्रस्तुती!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

Minakshi Pant ने कहा…

तेरी बातो को बार बार याद करके रोये
तेरे लिए दर पे फरियाद करके रोये |
तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये......!
बहुत खूब संजय |
दो लाइन मेरी तरफ से .......

हम बार बार ये गुनाह करते हैं
हम तो सिर्फ तुझसे प्यार करते हैं
हो न जाओ तुम कभी हमसे खफा
इसलिए खुदा से फरियाद करते हैं |:)

संजय भास्‍कर ने कहा…

आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं

Sadhana Vaid ने कहा…

कोमल अहसासों से भीगी भीगी भावपूर्ण पंक्तियाँ ! अति सुन्दर !

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

बहुत सुंदर भाव।

------
कसौटी पर शिखा वार्ष्‍णेय..
फेसबुक पर वक्‍त की बर्बादी से बचने का तरीका।

Arun sathi ने कहा…

देर आये दुरूस्त आये
दिल की बात लेकर आये

S.M.Masoom ने कहा…

बढ़िया पंक्तियाँ

shephali ने कहा…

गिरा एक आंसू तेरी वफ़ा, एक बेवफाई के नाम
आज फिर हम बीते पलों को याद कर के रोये

ZEAL ने कहा…

beautiful !

Pawan Kumar ने कहा…

अवकाश से वापसी का स्वागत ..

कविता अच्छी है....... आगे की रचनाओं का इन्तिज़ार है.

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

bahut khoobsurat.

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत खूब !

Dr Varsha Singh ने कहा…

संजय जी , चार लाइनों में ही अपने तो कमाल कर दिया....उम्दा रचना !

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " ने कहा…

ati sundar.

निवेदिता श्रीवास्तव ने कहा…

बहुत खूब .......

Asha Joglekar ने कहा…

ना ना इतना मायूस न होइये ।
अच्छी प्रस्तुति ।

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

संजय भाई,
आरज़ू चाँद सी निखर जाए,
जिंदगी रौशनी से भर जाए,
बारिशें हों वहाँ पे खुशियों की,
जिस तरफ आपकी नज़र जाए।
जन्‍मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ!
------
कसौटी पर अल्‍पना वर्मा..
इसी बहाने बन गया- एक और मील का पत्‍थर।

Urmi ने कहा…

आपको एवं आपके परिवार को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनायें!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

संजय भास्‍कर ने कहा…

आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं

संजय भास्‍कर ने कहा…

संगीता जी
राकेश जी
विक्रम जी
शारज सिंह जी
परकाश जी
सदा जी
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं

संजय भास्‍कर ने कहा…

अमित जी
अमरेंदर जी
विद्या जी
आशा जी
नसवा जी
अनु जी
दीपक जी
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ वंदना जी..
@ भूषण जी..
@ अरुण जी..
@ महेश्वरी कनेरी जी..
@ प्रियंका जी..
@ दिलबाग विर्क जी..
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ रेखा जी..
@ सवाई सिंह जी..
@ प्रेरणा जी..
@ वंदना डूबे जी..
@ संजय मिश्रा जी..
@ डॉ टी एस दाराल जी..
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ कविता वर्मा जी..
@ डॉ सुशीला गुप्ता जी..
@ मुसाफिर जी..
@ प्रियंका भिलाशी जी..
@ रविन्द्र रवि जी..
@ कैलाश शर्मा जी
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ समीर ला जी..
@ ताऊ रामपुरिया जी..
@ मृदुला जी..
@ शिखा जी..
@ डॉ मोनिका शर्मा जी..
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आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ केवल जी..
@ अनिल अवतार जी..
@ शालिनी कौशिक जी..
@ चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल जी..
@ राकेश सिंह जी..
@ प्रज्ञा जी..
आप सबका शुक्रिया जिन्होंने अपने
बेशकीमती विचारों की टिप्पणियां दी
और मेरा हौसला बढाया.....!

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ निधि टंडन जी..
@ ज्ञान चन्द जी..
@ कुंवर कुसुमेश जी..
@ पी.एस .भाकुनी जी..
@ अनीता जी..
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ रवि राजभर जी..
@ राहुल जी..
@ मदन शर्मा जी..
@ रचना दीक्षित जी..
@ अरुण कुमार निगम जी..
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ संध्या शर्मा जी..
@ अरविन्द जांगिड जी..
@ प्रवीण पाण्डेय जी..
@ ज्योति मिश्रा जी..
@ Indranil Bhattacharjee ........."सैल" जी..
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ सुनील दीपक जी..
@ सुमीत सत्य जी..
@ बांका राम जी..
@ सुमन मीत जी..
@ महेंदर वर्मा जी..
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ बबली जी..
@ मीनाक्षी जी..
@ साधना वैद जी..
@ डॉ0 ज़ाकिर अली ‘रजनीश जी..
@ अरुण साथी जी..
@ एस.एम.मासूम जी..
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ शेफाली जी..
@ दिव्या जी..
@ डॉ. जेन्नी शबनम जी..
@ सिंह एस दी ऍम जी..
@ डॉ वर्षा सिंह जी..
आप सबका शुक्रिया जिन्होंने अपने
बेशकीमती विचारों की टिप्पणियां दी
और मेरा हौसला बढाया.....!

Unknown ने कहा…

Sanjay Ji.. Is rachna ke liye ek baar fir se badhai...

Bahut hi kam shabdon mein.. Bahut gahan bhav.. Shukriya...

alka ने कहा…

बहुत खुबसूरत प्रस्तुति ....

Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…

किसी के कमी के एहसास से ही आँखों
में नमी आती है।बहुत अच्छा गागर में सागर।

जन सुनवाई @legalheal ने कहा…

आपका स्वागत, उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

बहुत सुन्दर लिखा है आपने.

Dr.Ashutosh Mishra "Ashu" ने कहा…

sanjay in chaar pnaktiyon me aapne bahut badi baat bade dilkash andaz me ki hai..dher sari badhayee ke sath

रूप ने कहा…

संजय भाई, आपकी टिप्पणियां मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं, आप बहुत अच्छा लिखते हैं , ब्लॉग जगत में भी अच्छी पकड़ है आपकी , बस नज़रें-इनायत रहे ! धन्यवाद .

Rewa Tibrewal ने कहा…

bahut khoob sanjayji

Dr. SHASHI.... ( Ek Kasak ) ने कहा…

wao!u r great sir...
very deep n heart tuching lines...

Dr. SHASHI.... ( Ek Kasak ) ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Dr. SHASHI.... ( Ek Kasak ) ने कहा…

सर आप की मेरे ब्लॉग पे छोड़ी गयी उत्साहवर्धन पंक्तियों के लिए शुक्रिया...मै तो आप के सामने कुछ भी नहीं.आप के हर शब्द में एक अर्थ होता है.ये हुनर हर किसी के पास नहीं होता...बहोत बहोत बधाई.
मैं भी आप के ब्लॉग की फोलोवेर बन रही हूँ.

निर्झर'नीर ने कहा…

तेरी बातो को बार बार याद करके रोये
तेरे लिए दर पे फरियाद करके रोये |
तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये......!

ummid nahi yakinan pasand aayi

bahut khoob

Dr. SHASHI.... ( Ek Kasak ) ने कहा…

Sir,sabse pehle to aap ko aur aap ke poore pariwar ko dipawali ki dheron Shubh Kamnayen.

तेरी बातो को बार बार याद करके रोये
तेरे लिए दर पे फरियाद करके रोये |
तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये......!
bahot bahot bahot hi behtreen.

prritiy----sneh ने कहा…

sunder panktiyan..

shubhkamnayen

Brijendra Singh ने कहा…

वाह..बेहतरीन पंक्तियाँ भास्कर जी.. :)

Aparajita ने कहा…

very nice and beautiful lines :)