16 मई 2011

................अहसास.......संजय भास्कर


किसी के साथ होने का और किसी के साथ
नहीं होने का विश्वास कराता है अहसास

जब कभी हम टूट जाते हैं, तब
जिंदगी का अर्थ समझाता है अहसास

जब कभी लिखने की उमंग जगे
कल्पनाओं के दर्शन कराता है अहसास

जब ठुकरा देते हैं सब दुनिया वाले
तब निराशा से बचाता है अहसास

जब दर्द हावी होता है हम पर
जिंदगी का आइना दिखाता है अहसास

खुशी बनकर जिंदगी में मुस्कुराहट लाता है अहसास !

-- संजय भास्कर