18 अप्रैल 2013

मैं अकेला चलता हूँ -- संजय भास्कर


मैं अकेला चलता हूँ
चाहे कोई साथ चले 
या न चले
मैं अकेले ही खुश हूँ
कोई साथ हो या न हो
पर मेरी छाया
हमेशा मेरे साथ होती है !
जो हमेशा मेरे पीछे- २ 
अक्सर मेरा पीछा करती है
घर हो या बाज़ार
 हमेशा मेरे साथ ही रहती है
 मेरी छाया से ही मुझे हौसला मिलता है !
क्योंकि नाते रिश्तेदार तो
 समय के साथ ही चलते है
पर धुप हो या छाव
छाया हमेशा साथ रहती है
और मुझे अकेलेपन का अहसास नहीं होने देती
इसलिए मैं अकेला ही चलता हूँ ...............!!!

चित्र - गूगल से साभार
 
@ संजय भास्कर  


60 टिप्‍पणियां:

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत खूब ... जिंदगी में इंसान अकेले ही आया है ओर उसे अकेले ही जाना है ... छाया तो फिर भी उम्र भर साथ देती है ... मरने के बाद भी साथ देती है ...
गहरे भाव संजोए हैं संजय जी ...

सदा ने कहा…

इसलिए मैं अकेला ही चलता हूँ ...............!!!

बहुत खूब कहा .... बेहतरीन अभिव्‍यक्ति

shashi purwar ने कहा…

bahut sundar abhivyakti , badhai

Ranjana verma ने कहा…

बहुत सुंदर प्रस्तुति.....बधाई

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ ने कहा…

वाह! क्या बात है बहुत ख़ूब!

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ ने कहा…

वाह! क्या बात है बहुत ख़ूब!

Anita ने कहा…

एकला चलो रे...बहुत सुंदर भाव..अपना हाथ जगन्नाथ की तरह अपना साथ जगन्नाथ !

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

इंसान अकेला ही आया है अकेला ही जाता है,
वाह !!!बहुत खूब बेहतरीन रचना,आभार,
RECENT POST : क्यूँ चुप हो कुछ बोलो श्वेता.

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

हर इंसान भीड़ में भी वह अकेला है
latest post"मेरे विचार मेरी अनुभूति " ब्लॉग की वर्षगांठ

Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…

bahut badhiya bhaw hain kavita ke sanjay jee .....akele chalna hin shayad indgi hai ......

Unknown ने कहा…

Nice!

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

बहुत ही अच्छी रचना..
अकेले कहाँ है परछाई साथ है..
:-)

Madan Mohan Saxena ने कहा…

Superb.

अँधेरे में रहा करता है साया साथ अपने पर
बिना जोखिम उजाले में है रह पाना बहुत मुश्किल

ख्वाबों और यादों की गली में उम्र गुजारी है
समय के साथ दुनिया में है रह पाना बहुत मुश्किल ..

Arun sathi ने कहा…

bahut khoob..sundar

Bharat Bhushan ने कहा…


आदमी को अकेते चलने की आदत तो होनी ही चाहिए क्योंके छाया तो......बहुत खूब.

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

एकला चलो रे .... जिसने यह सीख लिया उसे ज़िंदगी को जीना आ गया ... सुंदर प्रस्तुति

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

भागिनेय!
अँधेरे में साया भी साथ छोड़ देता है.. इसलिए अंदर की ज्योत को पहचानो.. तुम्हारी अंतर की आवाज़.. अपने दिल का कहा!!
बहुत अच्छी कविता!!

ashokkhachar56@gmail.com ने कहा…

बहुत खूब .

ashokkhachar56@gmail.com ने कहा…

aap bhi hmare blog se zud jaye to ach hai.thank you

संध्या शर्मा ने कहा…

छाया हमेशा साथ रहती है
और मुझे अकेलेपन का अहसास नहीं होने देती
बहुत सुन्दर भाव... शुभकामनायें

Sneha Rahul Choudhary ने कहा…

दुःख कि बात ये है संजयजी कि अँधेरे में छाया भी साथ छोड़ देती है

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

आदमी की तन्हाई ही उसकी साथी है.

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

क्या हुआ ऐसी बातें क्यूँ .......
लेकिन लिखे तो सच्चाई ही हो .........
हार्दिक शुभकामनायें .......

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

परछाई है, इसका सीधा सा अर्थ है कि कहीं आस पास रोशनी है...चलते जाइए बस....
बहुत सुन्दर भाव...

अनु

Mahesh Barmate "Maahi" ने कहा…

उत्कृष्ट प्रस्तुति :)

shalini rastogi ने कहा…

अच्छी प्रस्तुति संजय जी ...

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत उम्दा अभिव्यक्ति,सुंदर रचना,,,
RECENT POST : प्यार में दर्द है,

Unknown ने कहा…

बहुत सुन्दर.

Aaj kal ke samay me yahi satya hain.... aap aur parchayi.... sahi baat to ye hai ki parchayi tabhi saath hoti hain jab bahut garmi hoti hain.... jab kisi chau me sukun milta hain to wo hume bhi akela chor deti hain..kuch samay ke liye..

ज्ञानचंद मर्मज्ञ ने कहा…

जिसे अकेले चलना आ जाता है,उसके लिए जीवन जीना बहुत ही आसान हो जाता है क्योंकि उसे
अपने आत्मविश्वास की अनुभूति हो जाती है !
सुन्दर रचना!

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

अपनेपन का भाव साथ है,
कौन कहे मैं चलूँ अकेला।

बेईमान शायर ने कहा…

बहुत खूब :)

Guzarish ने कहा…

खुबसूरत भाव
तेरे मन में राम [श्री अनूप जलोटा ]

शिवनाथ कुमार ने कहा…

सुन्दर, बढ़िया !
छाया और कर्म ये दोनों साथ नहीं छोड़ते
बस कर्म करते रहना चाहिए , चाहे साथ कोई हो न हो

अभिमन्‍यु भारद्वाज ने कहा…

बहुत ही अनुपम प्रस्‍तुति है
कभी यहॉ भी आयें
MY BIG GUIDE

अभिमन्‍यु भारद्वाज ने कहा…

बहुत ही अनुपम प्रस्‍तुति है
कभी यहॉ भी आयें
MY BIG GUIDE

बेनामी ने कहा…

प्रशंसनीय प्रस्तुति

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

हाँ,अपने आप में अकेला तो हरएक है.पर कभी कुछ कहने-सुनने के लिए तो...

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

बहुत खूब ...

कविता रावत ने कहा…

बहुत अच्छी प्रस्तुति..

***Punam*** ने कहा…

कोई साथ हो या न हो
पर मेरी छाया
हमेशा मेरे साथ होती है !

बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....

दीपक कुमार मिश्र ने कहा…

बहुत खूब संजय जी,,.....

आशा बिष्ट ने कहा…

सुन्दर पन्क्तिया

Asha Lata Saxena ने कहा…

छाया साथ न छोडती,
सुबह से शाम तक
रहती सदा साथ
जीवन में विराम तक |
अच्छी प्रस्तुति |
आशा

राहुल ने कहा…

बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ..पर ऐसा क्यों साहब ...

रचना दीक्षित ने कहा…

छाया हमेशा साथ रहती है
और मुझे अकेलेपन का अहसास नहीं होने देती
इसलिए मैं अकेला ही चलता हूँ ...............!!!

बहुत सुंदर. खूबसूरत अभिव्यक्ति

Kailash Sharma ने कहा…

आदमी को अकेले ही चलना होता है, यही शाश्वत सत्य है..बहुत सुन्दर..

Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…

मैं अकेले ही खुश हूँ
कोई साथ हो या न हो .......bahut acchi aadat .....warna kisi ke sath hone se kai bar gadbad ho jata hai ....

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

छाया कभी अकेले नहीं होने देती।
अच्छी कविता।

Maheshwari kaneri ने कहा…

सच है हमसाया साथ न छोड़े ..फिर कोई साथ हो नहो..बहुत बढ़िया..

babanpandey ने कहा…

बहुत सुंदर बधाई

Prashant Suhano ने कहा…

बहुत ही सुन्दर रचना, संजय जी.. आपकी अभिव्यक्ति दिल को छू गयी....

राज चौहान ने कहा…

छाया हमेशा साथ रहती है
और मुझे अकेलेपन का अहसास नहीं होने देती
बहुत सुन्दर भाव... शुभकामनायें

अंजना ने कहा…

बहुत अच्छा लिखा है।

Parul Chandra ने कहा…

सच कहा..ये छाया हौसला देती है...मुझे भी। सुन्दर रचना !!

Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…

मेरी छाया से ही मुझे हौसला मिलता है !
क्योंकि नाते रिश्तेदार तो
समय के साथ ही चलते है
पर धुप हो या छाव
छाया हमेशा साथ रहती है
जी संजय भाई तभी तो हम गाते हैं
मन रे तू काहे न धीर धरे
जोदी तोर साथ दिए केऊ ना आसे तोबे एकला चलो रे
सुन्दर रचना ..जीवन के रंग ...
भ्रमर ५

मन्टू कुमार ने कहा…

Khud Se Bada Koi Humsafar Nhi Hota...
Badhiya Likha Hai Aapne.

renu ने कहा…

मन की भावनाएं कविता में कह देने से मन काफी हल्का हो जाता है ,, अच्छा प्रयास ,... संजय जी , भास्कर भूमि क्या है और इसमें प्रकाशित लेख और कवितायें कैसे पढ़ सकती हूँ , बताएं

Asha Joglekar ने कहा…

छाया ही साथ है तो अकेला नही हुआ ।

Darshan jangra ने कहा…

बहुत उम्दा ,सुन्दर भाव... शुभकामनायें आभार

whatsapp plus apk ने कहा…

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